पंचायती राज व्यवस्था में महिला सशक्तिकरण एवं विकास
कुमारी शालिनी मौर्या जौनपुर
सारांष
प्राचीन काल से ही धार्मिक अडम्बर, रूढ़िगत विचार, परम्परागत सामाजिक संस्कार सभी ने मिलकर ने मिलकर एक ऐसा अंधकारमय परिवेश भारतीय नारी के समक्ष उपस्थित कर दिया था जिसे तोड़ना सहज न था। उत्पादन के साधनों के विकास के साथ-साथ निजी संपत्ति का उदय हुआ। वंशगत आधार पर संपत्ति का हस्तांतरण होता रहे, इसके लिए यह आवश्यक था कि संतानों के माता पिता निश्रित डों डाॅ0 गोपी जोशी लिखती है कि ‘‘ यहीं से स्त्रियों को घर की चहारदीवारी मेें सम्पत्ति की तरह सुरक्षित रखने का दौर शुरू होता है ताकि उसे उस पर पुरूष के सम्पर्क से दूर रखकर अचल संपत्ति की रक्षा की जा सके।‘‘ वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति सम्मान जनक थी। अध्यात्मिक ज्ञान ने साथ-साथ धार्मिक क्षेत्र में भी स्त्री को पुरूष के बराबर अधिकार प्राप्त था। बालिकाओं के लिए शिक्षा ग्रहण करना उतना ही अनिवार्य था जितना बालकों के लिए। वर्तमान समय में अनेक बार गैंग रेप जैसी घिनोने अपराध के उदाहरण हमारे सामने आए हैं। दिल्ली में हुए बहुचर्चित दामिनी गैंग रेप केस को आज भी जब हम याद करते हैं, तो हम कांप उठते हैं। चूंकि दामिनी केस दिल्ली जैसे क्षेत्र का था, इसलिये वह प्रकाश में आ गया था। ऐसे अनगिनत केस हैं जो दबा दिये जाते हैं। कामकाजी महिलाओं का भी उत्पीड़न समाज में दिखाई देता है। फिल्मों तथा टी0वी0 सीरियलों में भी नारी का उत्पीड़न साफ दिखाई देता है। यदि वे अर्धनग्न प्रदर्शन ना करें तो उन्हें काम नहीं मिलता है। हमारे समाज के लोग एक तरफ तो नारी सशक्तिकरण की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर वह फिल्मों में नारी को नग्न देखना चाहता है। वर्तमान समय में चारों तरफ नारी असुरक्षित दिखाई देती है। चारों तरफ नारी को शोषण और अत्याचार हो रहा है। वर्तमान समय में नारी उत्पीड़न और उस पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए सरकार और समाज को कठोर कदम उठाने होंगे तथा नारी के प्रति अपनी मानसिकता को बदलना होगा। सरकार को उन महिला और पुरूषों के लिए भी कठोर दण्ड का प्रावधान करना होगा, जो नारी सम्बन्धी कानूनों का र्दुप्रयोग करते हैं। इससे यह लाभ होगा कि नारी के उत्पीड़न को सही माना जायेगा, वरना आज समाज में लोग यही कहते हैं कि नारी अपनी सुरक्षा के लिए बनाये कानून का र्दुप्रयोग करती हैं। यदि ऐसा हुआ तो समाज का प्रत्येक सामाजिक व्यक्ति और आम आद मी नारी के सम्मान की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहेगा।
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