ISSN- 2278-4519
PEER REVIEW JOURNAL/REFEREED JOURNAL
RNI : UPBIL/2012/44732
We promote high quality research in diverse fields. There shall be a special category for invited review and case studies containing a logical based idea.

बजट 2021-22: भारत में मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते कदम

डॉ. पूनम रानी,
एसोसिएट प्रोफेसर,
अर्थशास्त्र विभाग, बरेली कालेज, बरेली।

बजट 2020-21 बहुत ही तर्कसंगत और सोच समझ से परिपूर्ण बजट था। विविध क्षेत्रों में संतुलन बनाए रखने का प्रयास इसमें बखूबी किया गया। इस बजट में लघु, मध्यम और दीर्घकालिक विकास योजनाओं का समान रूप से समाधान करने का प्रयास किया गया ।
केंद्रीय बजट 2020-21 की मुख्य विषय वस्तु ’जनजन का बजट’ रहा। इसमें इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए तीन प्रमुख विषयों को सम्मिलित किया गयाः
1. आकांक्षी भारत-देश के सभी नागरिक बेहतर जीवन स्तर प्राप्त करना चाहते हैैं। नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा बेहतर रोजगार प्राप्त करने की सुविधा होनी चाहिए।
2. सबके लिए आर्थिक विकास. इस उद्देश्य में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास स्पष्ट नजर आता है तथा इसके अंतर्गत आर्थिक सुधार विशेष रुप से निजी क्षेत्र के माध्यम से किए जाएंगे। इसके 3 घटक हैं उद्योग, वाणिज्य एवं निवेश अवसंरचना और नई अर्थव्यवस्था।
3. जिम्मेदार समाज-मानवता और करुणा की भावना से ओतप्रोत समाज ही जिम्मेदार समाज होगा। इसके 3 घटक तय किए गए। महिला एवं बाल, सामाजिक कल्याण संस्कृति एवं पर्यटन तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन। 1
अप्रत्याशित कोविड-19 की महामारी सारी दुनिया में फैली हुई है। हमारा देश भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। ऐसे चुनौती भरे समय में भारत में आर्थिक सुधारों के लिए बजट 2020-21 में बजट ने देश को विभिन्न प्रकार की योजनाएं प्रदान की जिससे देश इन योजनाओं के सहारे प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके।
’बजट 2021-22 पूरी तरह से बजट 2020-21 पर आधारित है। वास्तव में 21वीं सदी के तीसरे दशक में होने वाले आर्थिक सुधारों को लाने वाला बजट 2020-21 आधारभूत बजट माना गया और इसीलिए बजट 2021-22 पूर्व बजट 2021 पर आधारित है।’ बजट 2021-22 आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। इसमें प्रत्येक नागरिक को शामिल करने की कोशिश की गई है। प्रधानमंत्री जी के अनुसार बजट में कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाने के लिए कई प्रावधान है। किसानों को आसान ऋण प्राप्त हो साथ ही बजट में उद्योग और बुनियादी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रावधान है। बजट 2021 यह प्रदर्शित करता है कि ग्रामीण क्षेत्र और कृषक इस बजट के केंद्र में हैं। कोविड-19 की महामारी से जूझने के लिए भारत में बजट 2021 में विभिन्न आर्थिक सुधारों का प्रावधान किया गया। इसके अंतर्गत रि-लर्निंग (नए सिरे से सीखना) रि-थिंकिंग (नए सिरे से सोचना) रिनोवेटिंग (नए सिरे से प्रयोग करना) की व्यवस्था की गई। इस व्यवस्था के द्वारा गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास किया गया।2
बजट 2021 भारत में विभिन्न संभावनाओं को लाने वाला है। इस बजट के द्वारा भारत मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आएगा। भारत गांव का देश है यहां 650000 से अधिक गांव हैं और 70 प्रतिशत से अधिक लोग ग्रामीण भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों से जुड़े हैं।
नई शिक्षा नीति 2020 के द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जिसमें कौशल साथ में हो प्रदान की जाए ऐसा प्रावधान किया गया है। ’अटल इनोवेशन मिशन कार्यक्रम’ चलाया गया है।
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में और शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार और स्टार्टअप कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हालांकि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी स्टार्टअप कार्यक्रमों की कमी है। इन क्षेत्रों में नवाचार युवाओं को आगे आने के लिए ’ग्रामीण समुदाय युवा फेलोशिप’ कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। इन सब प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ-साथ उद्यमिता के लिए गति भी प्रदान होगी। 3
बजट 2021- मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते कदम
1. रोजगार जन एवं निवेश वृद्धि पर जोर – कोविड-19 की महामारी की वजह से वर्श 2020 काफी संकट पूर्ण रहा। अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिषत की गिरावट हुई। लेकिन सरकार के समय-समय पर प्रयासों के कारण कृषि क्षेत्र में 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी नजर आई। महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत बनाना और विकास की गति तेज करना यह दो लक्ष्य सरकार के सामने थे।
कृषि क्षेत्र में मुख्य सरकारी योजनाएं जिसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और ब्याज सब्वेंशन योजनाएं हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बजट 16000 करोड़ रुपए रखा गया है जो पिछले वर्ष 2020-21 के 15695 करोड़ रुपए से अधिक है। इस साल खाद्य निगम की उधारी को निपटाया गया है तथा खाद्य सब्सिडी 242836 करोड़ रुपए दिए गए हैं। ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास फंड में 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस फंड को कुल 37 क्षेत्रों में प्रयोग किया जाना है जिससे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा। 4
कृषि क्षेत्र से जुड़े कर्ज वितरण के लक्ष्य में वित वर्ष 2021-22 के लिए यह लक्ष्य 16.5 करोड़ रुपए है। पशु पालन और मत्स्य पालन जैसे सहयोगी क्षेत्रों की सहायता से इस लक्ष्य को पूरा किया जाना संभव होगा।
हजार नई ई-मंडियां बनेंगी। एपीएमसी के लिए इंफ्रा फंड भी दिया जाएगा। कृषि क्षेत्र के लिए 1.72 लाख करोड़ रुपए का बजट का ऐलान किया गया। न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएससी के दायरे में आने वाली सभी 23 कमोडिटी के मूल्यों में बढ़ोतरी के साथ यह सुनिश्चित किया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत का कम से कम डेढ़ गुना हो। इस व्यवस्था में उत्पादकों की आय सुनिश्चित होने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा भी होगी।
किसानों की आय दोगुनी करने के अभियान में विविधीकरण को लाया गया है। ऑप्रेशन ग्रीन योजना शुरू की गई है। नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य पालन विभाग में 48 प्रतिशत फंड की बढ़ोतरी की गई है। 5 फिशिंग हब का ऐलान किया गया है। निष्कर्ष रूप में कह सकते हैं यह बजट शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश वृद्धि, रोजगार वृद्धि, आय वृद्धि को बढ़ावा देने वाला है। सरकार ने बजट 2021-22 में कृषि क्षेत्रों के विकास के लिए अपने वचन को दोहराया है। बजट 2020-21 में विभिन्न सुधारों के ऐलान के बाद यह बजट इन सुधारों के आधार पर तैयार किया गया है।5
2. स्वास्थ्य और देखभाल- इस वर्ष का बजट 2021-22 उस वक्त में पेश किया गया जब पूरा देश कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा था। ऐसे में केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य बजट को बढ़ाकर 223846 करोड़ रुपए किया गया है जो 137 प्रतिशत की वृद्धि है।
आत्मनिर्भर भारत- इस अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाएं चलाई गई हैं। कई प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (पीएलआई) योजनाएं ठोक दवाओं के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए चलाई गई हैं। इसके अलावा बल्क ड्रग पार्क व मेडिकल डिवाइस पार्क योजनाओं द्वारा लागत को कम करने की कोशिश की जा रही है।
कोविड-19 संकट से गरीब वर्ग को उभारने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज भी बांटे गए।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना- यह योजना भी बजट 2021 में 6 साल के लिए 64180 करोड़ रुपए के निवेश के साथ लागू की गई। इस योजना का उद्देश्य प्राथमिक द्वितीयक और तृतीयक तीनों स्तर पर स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को मजबूत बनाने के लिए भी योजना बनाई गई है जिसमें 5 क्षेत्रीय व 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयां शामिल हैं। एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार किया गया है जिससे कि सभी राज्यों और केंद्रीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य लेव को जोड़ा जा सके।
प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की कवरेज का विस्तार करने के लिए 17728 और 11024 केंद्र ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे। 6
आयुष्मान भारत- आयुष्मान भारत के अंतर्गत 2018 से 2022 के बीच 150000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र बनाए जाएंगे जिसमें से एक लाख से अधिक को मंजूरी दी जा चुकी है। 7 इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम जे ए वाई) में अस्पताल संबंधी खर्चा के लिए रू 500000तक का बीमा है। इसमें सरकार ने वन नेशन वन स्कीम चलाई है। 8
इसमें देश का नागरिक कहीं भी द्विवीतीयक व तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं के समान पैकेज का लाभ उठा सकते हैं। जिन राज्यों ने इस योजना को लागू किया उन राज्यों में शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है। अतः इस योजना को चलाना और इसका क्षेत्र बढ़ाना बहुत आवष्यक है।9
आयुष- आधुनिक चिकित्सा पद्धति हर रोगों का समाधान नहीं दे सकती है। इसलिए हमारे देश की प्राचीन आयुर्वेद पद्धति को और योग को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। कोविड-19 की महामारी के दौरान आयुर्वेद योग के द्वारा बुखार जुखाम व अन्य पुरानी बीमारियों की रोकथाम में बहुत फायदा मिला है। कोविड-19 महामारी को भी रोकने में यह बहुत मददगार रही है। इसके द्वारा व्यक्ति के तनाव को कम करने में बहुत मदद मिली है तथा साथ ही योग व आयुर्वेद के जरिए शरीर को हष्ट पुष्ट बनाने में तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिली है। नागरिकों ने शुद्ध भोजन को अपनाया है व शुद्ध जीवन शैली भी अपनाई है। योग के प्रति जागरूकता भी नागरिकों के बीच में बड़ी है। योग व शुद्ध भोजन के जरिए वह एक स्वस्थ व हष्ट पुष्ट नागरिक बनेंगे जिससे कोरोनावायरस महामारी से लड़ने में उनकीे मजबूती बनेगी।
बजट 2021-22 में आयुष मंत्रालय का आवंटन 40 प्रतिशत बढ़ा है जिससे नागरिक आयुष का लाभ उठा सकें। साथ ही इसी बजट में मिशन पोषण 2.0 को पोषण कार्यक्रम व पोषण अभियान के रूप में शुरू किया गया है जिससे कि पोषण सामग्री वितरण तेजी से हो सके और भारत में कोई भूखा ना रहे।
स्पष्ट है कि स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने पर्याप्त कदम बढ़ाए हैं और इस बजट में देश के नागरिकों को कोविड-19 महामारी से भी निबटने के लिए पर्याप्त वित 35 हजार करोड़ रुपए है। जब देश के नागरिक स्वस्थ होंगे तो वह अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर सकेंगे। तब देश तीव्र गति से आर्थिक विकास की ओर अग्रसर होगा और हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। 10
3. स्टार्टअप उद्यमिता और बैंकिंग से मजबूत होती अर्थव्यवस्था-
स्टार्टअप और उद्यमिता वास्तव में एक ही है। इसमें ज्यादा अंतर नहीं है। स्टार्टअप सभी क्षेत्रों में शुरू नहीं किया जा सकता जबकि उद्यमिता को सभी क्षेत्रों में शुरू किया जा सकता है अर्थात उद्यमी वर्ग स्टार्टअप के द्वारा किसी भी क्षेत्र में अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं। कोरोना वायरस महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा। इसमें खास करके होटल, र्प्यटन, उद्योग को शामिल किया जा सकता है। इसके साथ-साथ सूक्ष्म, लघु उद्योग व निर्माण क्षे़त्र, को शामिल किया जा सकता है। बजट 2021 को दोहरी नीति अपनानी है एक तरफ तो कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बाहर लाना है तथा दूसरी तरफ देश में तीव्र गति से रोजगार सृजन कर लोगों की आय को बढ़ावा देना है। बैंकिंग क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। जब देश के बैंक मजबूत होंगे तब देश भी तीव्र गति से विकास करेगा और इसके लिए सरकार ने पर्याप्त बजट लगभग 350000 करोड़ रुपए का रखा है जिससे बैंकिंग क्षेत्र के विकास से अर्थव्यवस्था का विकास हो सके।
स्टार्टअप स्वरोजगार शुरू करने तथा दूसरों को रोजगार देने का माध्यम है। अतः वर्ष 2021-22 बजट में 830 करोड़ रुपए की व्यवस्था स्टार्टअप के लिए की गई है। साथ ही टैक्स होलीडे की सुविधा को और 1 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। स्टार्टअप को 31 मार्च 2022 तक कोई कर नहीं देना पड़ेगा साथ ही उन्हें कैपिटल लाभ की छूट भी एक और वर्ष के लिए दी गई है। 11 सरकार ने स्टार्टअप के माध्यम से रोजगार सृजन में वृद्धि के लिए 1000 करोड़ों रुपए के स्टार्टअप इंडिया सीड फंड का ऐलान किया है जिससे कि नागरिकों में पूंजी की कमी बाधा ना बने। यह प्रावधान 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी हो गया। रोजगार वृद्धि के लिए स्टार्टअप और उद्यमिता का विकास बहुत आवश्यक है। 12
बैड बैंक- अर्थव्यवस्था के विकास में मुख्य बाधा पूंजी की कमी होती है जिसे दूर करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में बैड बैंक लाया गया। बैड बैंक एनपीए खातों में से वसूली करके पूंजी की उपलब्धता को सुनिश्चित करेंगे जिससे व्यवसाय में वृद्धि होगी। बैड बैंक ए आर सी एवं परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी एएमसी की मदद से बैंकों के एनपीए को कम करने की कोशिश करता है। भारत में मुंबई में 74.6 करोड़ रुपए की पूंजी से बैड बैंक स्थापित की जा रही है। 13
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय- कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय देश में कौशल विकास एवं उद्यमिता को बढ़ावा देता है। सरकार ने दीनदयाल अंत्योदय योजना को शुरू किया है जिसका उद्देश्य कौशल विकास एवं अन्य उपायों के द्वारा आय उपार्जन के अवसरों को बढ़ावा है और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से गरीबी को कम करना है।
4. कृषि बजट-एमएसपी और एपीएमसी पर सरकार का बुलंद संदेश
वर्ष 2021-22 का बजट उन परिस्थितियों में पढ़ा गया जब देश के सामने एक तरफ कोविड-19 और दूसरी तरफ किसान आंदोलन की समस्या थी। बजट 2021 में कृषि के लिए 5 घोषणाएं की गई हैं इसमें कृषि कर्ज को 15 लाख करोड़ रुपए से 10 प्रतिशत बढ़ाकर 16.5 करोड़ रुपए कर दिया गया है। ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास फंड को बढ़ाकर 30000 करोड़ रुपए से 40000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त नाबार्ड के अंतर्गत माइक्रेा इरिगेशन फंड रु 5000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर रु 10000 करोड़ रुपए कर दिया है। साथ ही ’इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार’ (ई-नाम) में हजार और मंडियों को जोड़ने का प्रस्ताव है। इस प्रकार ई-नाम में देश में 7000 में से 2000 मंडियां अत्याधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से परिपूर्ण होंगी। ’आप्रेशन ग्रीन स्कीम’ के क्षेत्र को और बढ़ाया गया है जहां इसमें पहले आलू ,प्याज और टमाटर 3 कृषि उपज शामिल थी वहां अब इसके अलावा 19 और जल्दी खराब होने वाली कृषि उपज को शामिल किया गया है।
एग्री प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (एपीएमसी) मंडियों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास फंड (ए आई डी एफ) का इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की है। वित मंत्री ने एफसीआई को बकाया 300000 करोड़ रुपए चुका दिया है और साफ कह दिया कि खाद्य सब्सिडी में खर्च और ज्यादा होने पर उसे संशोधित अनुमान में अगले साल के बजट में जोडा ़जाएगा। इस सुधार से सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का पता चलता है और साथ ही यह बात स्पष्ट होती है कि आत्म भारत के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर तरह से तैयार है। 14
5. अवसंरचना विकास से भारत की मजबूती
संसद में 1 फरवरी को प्रस्तुत बजट में कोविड-19 महामारी के बावजूद भारत अवसंरचना के विकास के प्रयासों के लिए प्रतिबद्धता देखी गई है। कोरोना संकट से भारत देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व जूझ रहा है और टीका अभियान के माध्यम से कोरोना वायरस के प्रभाव में कुछ कमी की संभावना है लेकिन चुनौती बड़ी है। इसमें खास करके ग्रामीण भारत की अवसंरचना को मजबूत करने के लिए कोशिशों को देखा गया है। भारत में ग्रामीण क्षेत्रोें में विभिन्न योजनाओं में भूमि सुधार, बंजर भूमि का विकास, ग्रामीण जलापूर्ति और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी गई। लेकिन अपेक्षित टिकाऊ परिसंपत्तियों का सृजन नहीं हो पाया। हालांकि 7 सालों में आधारभूत ढांचे के विकास में ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं को लाया गया है जिसमें राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण सौभाग्य ग्रामीण, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना। इस प्रकार से डिजिटल भारत में ग्रामीण क्षेत्रों को भी साथ लेकर भारत को सशक्त बनाने की बुनियाद रखी गई है।
राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन का 74000 परियोजनाओं तक विस्तार करने की योजना बजट 2021-22 में रखी गई है। अपेक्षित है कि इस परियोजना के लिए सरकार और वित्तीय क्षेत्र दोनों की तरफ से वित का प्रबंध किया जाएगा। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए तीन प्रस्ताव रखे गए हैंः
1 संस्थागत ढांचे को सृजित करना इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग
2 संपत्ति के मुद्रीकरण पर विशेष ध्यान-राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन का लांच करना।
3 पूंजीगत व्यय में वृद्ध-5.5 लाख करोड़ रुपए जो बजट 2020-21 से 34.5 प्रतिशत की वृद्धि है। 15
6. शिक्षा क्षेत्र पर विशेष जोर-
शिक्षा को अधिक अनुभव पर आधारित और समन्वित रूप में क्षेत्र का विकास करने वाली, नवाचार को लाने वाली, अन्वेषक और लचीला बनाने की कोशिश की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक विभिन्न स्तरों पर पूरी शिक्षा प्रणाली में बदलाव किया गया है। बजट 2021 में शिक्षा का आकलन इस प्रकार से किया गया है कि नई शिक्षा नीति 2020 की परिकल्पना को साकार किया जा सके तथा विद्यार्थियों में भारतीयता की भावना केवल सोच के स्तर पर ही नहीं बल्कि उनके कार्यों में उनके बौद्धिक स्तर में भी गहरी हो।
शिक्षा क्षेत्र को 9322431 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो चालू वर्ष के अनुमानों से 8100 अधिक हैं। 16
देश में 100 नए सैनिक स्कूलों को खोला गया है। यह स्कूल निजी स्कूलों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर खोले जाएंगे। देश भर में 15000 स्कूलों को मजबूत बनाया जाएगा। इसके साथ ही लेह में नया केंद्रीय विश्वविद्यालय भी बनाया जाएगा। 17 शोध को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 50000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। साथ ही उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा आयोग गठन का भी प्रावधान रखा गया है। राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन की घोषणा की गई है जिससे मिशन के द्वारा सरकारी दस्तावेजों को प्रमुख भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जा सके। देश के कार्यशील जनता को विश्व स्तर पर स्क्ल्डि बनाने के लिए जापान के साथ इंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम की भी घोषणा की गई। वित मंत्री ने अन्य देशों के साथ भी इस प्रकार की ट्रेनिंग शुरू करने का प्रावधान रखा। यूएई के साथ ऐसी एक ट्रेनिंग पर पार्टनरशिप पर काम चल रहा है।
इस योजना में आदिवासी इलाकों में भी 750 एकलव्य स्कूल खोलने की घोषणा की गई। 18 इस प्रकार बजट 2021 में शिक्षा बजट के द्वारा कौशल अनुसंधान और विकास तथा उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने की कोशिश की गई है जिसके द्वारा शिक्षित समाज का विकास होगा। अतः स्पष्ट है कि भारत को आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बजट 2021 में शिक्षा में निवेश महत्वपूर्ण कदम है।
संक्षेप में बजट 2021 के विभिन्न बिंदुओं से स्पष्ट होता है कि अगर कोरोना महामारी पर नियंत्रण रहा तो बजट 2021 में प्रस्तावित विभिन्न योजनाओं व प्रावधानों के आधार पर भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आएगा। बजट में देश की अवसंरचना को मजबूत करने के लिए व्यापक प्रयास किए गए हैं और साथ ही निवेश, रोजगार, आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सुधार व आर्थिक विकास दर बढ़ने से देश की अर्थव्यवथा मजबूत होगी।

संदर्भ सूची
1. पेज 11, योजना,मार्च 2020
2. पेज 12, कुरुक्षे़त्र,जनवरी 2021
3. पेज 5, ग्रामीण विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण, आर रमणन, मंगलेश यादव, कुरुक्षेत्र-जनवरी 2021
4.  https://Zeenews.lndia.com/kendria budget-2021-01 feb2021
5. पेज 8, रोजगार निवेश और आय बढ़ाने पर जोर, डॉक्टर नीलम पटेल, साक्षी गुप्ता और रणवीर नगाइच, कुरुक्षेत्र, मार्च 2021
6. पेज-9, स्वस्थ नागरिकों से सषक्त राश्ट्र का निर्माण, उर्वशी प्रसाद, कुरुक्षेत्र, मार्च 2021
7. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
8- https://www.pmjay.gov.in
9- https://pib.gov.in/pressreleaseshare.asp(PRID)1693217
10. पेज 13, स्वस्थ नागरिकों से सशक्त राष्ट्र का निर्माण, उर्वशी प्रसाद, कुरुक्षेत्र, मार्च 2021
11 .2feb2021,https://www/goole.com/amp/s/navbharatimes.indiatimes.com/business/budget/budget-news/budget-2021-2022-gave booster
12- 16 jan2021,https://www.jagran.com^news
13- https://www.investopedia.com^terms
14. पेज 20, कृषि बजट-एमएसपी और एपीएमसी पर सरकार का बुलंद संदेश, भुवन भास्कर, कुरुक्षेत्र, मार्च 2021
15. पेज 29, अवसंरचना विकास से मजबूत होता भारत, अरविंद कुमार सिंह, कुरुक्षेत्र, जनवरी 2021
16- www.livehindustan.com
17- www.liveindiatimes.com
18- www.carrierindia.com

 

Latest News

  • Express Publication Program (EPP) in 4 days

    Timely publication plays a key role in professional life. For example timely publication...

  • Institutional Membership Program

    Individual authors are required to pay the publication fee of their published

  • Suits you and create something wonderful for your

    Start with OAK and build collection with stunning portfolio layouts.